देशवासियों पर थोपी गई नोटबंदी : डॉ. मनमोहन सिंह

नई दिल्ली। चुनावी माहौल में भाजपा और कांग्रेस ने एक दूसरे पर हमले तेज कर दिए हैं और मुद्दे का विषय बने हैं नोटबंदी व जीएसटी। भाजपा की जहां इनको लेकर अपना पक्ष मजबूत करने की तो वहीं कांग्रेस की विपक्ष को घेरने की तैयारी है और इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मैदान में उतर गए हैं।
मनमोहन सिंह आज गुजरात दौरे पर हैं। उन्होंने नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बारे में सुनकर मुझे झटका लगा था। यह देश के लोगों पर थोपी गई थी। वहीं मनमोहन ने इसे विनाशकारी नीति बताते हुए कहा कि आठ नवंबर का दिन हमारी अर्थव्यवस्था और यकीनन हमारे लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है।
मनमोहन सिंह ने यह भी कहा कि दुनिया में किसी भी देश ने ऐसा फैसला नहीं लिया, जिसमें 86 फीसदी करेंसी को एक साथ वापस ले लिया हो। उन्होंने कहा कि कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए नोटबंदी का फैसला काफी गलत था। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, जो मैंने संसद में कहा था वही आज भी कहूंगा कि नोटबंदी होने के कारण लोगों को मुश्किलें बढ़ी हैं। यह कारोबारियों पर एक ‘टेक्स टेररिज्म’ की तरह लागू हुआ है।
नोटबंदी, जीएसटी से लगा दोहरा झटका
मनमोहन सिंह बोले कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण भारत की अर्थव्यवस्था को दोहरा झटका लगा। इसकी वजह से छोटे कारोबार की कमर टूट गई। उन्होंने कहा कि आज भारत में युवाओं को नौकरी देने के लिए चीन से सामान आयात करवाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि 2016-17 के पहले हाफ में चीन से 1.96 लाख करोड़ का आयात हुआ था, मगी 2017-18 तक ये 2.14 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
पीएम मोदी को गांधीजी की दिलाई याद
मनमोहन सिंह ने कहा, मैं गर्व से कह सकता हूं कि 140 मिलियन लोगों को गरीबी से उबारा। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को गांधीजी की भी याद दिलाई, जो गरीबों के लिए लड़ते थे। बकौल मनमोहन सिंह, ‘महात्मा गांधी ने कहा था कि जब भी आप संदेह में रहें तो गरीबों के बारे में सोचें। क्या प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी का फैसला लेने से पहले गरीबों के बारे में सोचा था। मनमोहन ने यह भी कहा कि नोटबंदी और जीएसटी पर सवाल उठाने वाला राष्ट्र विरोधी बन जाता है। सवाल पूछने वालों को कर चोर समझा जाने लगता है।

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